Tuesday, 19 November 2019

तेरे प्यार में पागल हूँ !


तेरे हर दर्द को मैं अब , 
अपना दर्द समझता हूँ ;

तेरी हर खता को मैं अब , 
अपनी ही खता समझता हूँ ; 

तेरे प्यार में मैं पागल हूँ अब , 
इसलिए तो मज़बूरियों को समझता हूँ ;   

खुश रखूं तुझे सदा मैं अब ,
यही अब दिल से चाहता हूँ ;

तेरी हर एक आह को मैं अब , 
बस एक सिर्फ दुआ मानता हूँ !  

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !