हरी कोख का आनंद !
तुम्हे चाहने के लिए
अपनी सांसों से तुम्हारे
विकल ह्रदय को तृप्त
रखना चाहता हूँ !
तुम्हारे ही भाव मेरे
लफ़्ज़ों में उतरते रहें सदा
इसलिए तुम्हारी रज्ज से
जुड़े रहना चाहता हूँ !
भविष्य में तुम्हारे भाव
और भी सूंदर हों इसलिए
मैं अब तुम्हारी रूह में
उतरना चाहता हूँ !
तुम्हारी आँखों में उतर
आये हरी हुई कोख का
आनंद इसलिए तुम्हारी
कोख को सदा सींचते
रहना चाहता हूँ !
तुम्हारे होंठ सदा यूँ ही
गुलाबी रस भरे बने रहे
इसलिए मेरे शहद रूपी
आखरों को सदैव तुम्हारे
होंठों पर रखना चाहता हूँ !
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