वो जो आज भी खुद में सहेजे है
हम सब का सूंदर सा बचपन ;
वो जो हम सब को प्रेरित करती है
जीने को अपना सूंदर सा बचपन ;
वो जो आज भी अपने व्यवहार में
शामिल रखती है सूंदर सा बचपन ;
वो जो सहेज कर तुम्हारा तुम अपनी
कोख में तुम्हे लौटती है सूंदर सा बचपन ;
वो जिसकी बदौलत आज तुम्हारी अंगुली
पकड़कर कर चल रहा है तुम्हारा बचपन ;
वो जिसने दिया है तुम्हे ये मौका की
तुम जी सको फिर से अपना वो बचपन ;
वो जो हमें कई बार मौका देती है
धूम धाम से मनाने को अपना बचपन ;
वो जिसे हम सब माँ कहते है
वो ही तो है जो लौटाती है बचपन !
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