तुम मेरी हो !
तुम आँखों में देखो
मेरी और खुद को
इन्ही में खो जाने दो ;
तुम बाँहों में आओ
मेरी और खुद को
बहक जाने दो ;
तुम दिल में आओ
मेरे और खुद को इसी
में बस जाने दो ;
तुम मेरी हो और
मेरी ही रहोगी सदा
आज सभी से ये कह दो ;
तुम अब कुछ इस
कदर चाहो मुझे और
खुद को मुझ पर फनाह
हो जाने दो ;
प्रखर है बस एक
तुम्हारा वो चाहेगा
बस एक तुम्ही को !
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