हाँ हाँ ना ना !
जब रुकने लगे सांसें मेरी
तो तुम छोड़ छाड़ कर सारे
काम मेरे पास चली आना ;
अपनी गोद में रख कर सर
मेरा मुझ को तुम सुला लेना ;
उन पलों को तुम मेरी तन्हाईयों
की सारी दास्ताँ सुना लेने देना ;
उस वक़्त तुम बिलकुल भी मत
रोना वरना मेरी भी ऑंखें भर आएंगी ;
बस एक बार तुम मुस्कुराकर
उस वक़्त मेरी हर बात मान लेना ;
कम से कम उस वक़्त तो तुम
मेरे कहने पर हाँ हाँ बिना किसी
ना ना के कह तो हां हां देना ;
जब रुकने लगे सांसें मेरी
तो तुम छोड़ छाड़ कर सारे
काम मेरे पास चली आना !
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