Thursday, 7 November 2019

करीब आने के दिन !


करीब आने के दिन !

लगता है तेरे मेरे करीब 
आने के दिन आ रहे है ;

लगता है अपने नसीब  
खुलने के दिन आ रहे है ; 

अब तक जो तेरे दिल ने कहा है 
वही तुम्हारे दिल ने सुना है 

अब लगता है तुझ को रु-ब-रु 
सुनने के दिन नज़दीक आ रहे है 

जी चाहता है अभी से ये  
दिल-ओ-जान सरेराह रख दूँ

कि तुझ पर अपनी जान 
लुटाने के दिन आ रहे है 

अब तो टपकने लगी है इन  
मेरी आँखों से मस्ती भी 

लगता है अब तुझ से निगाहें 
मिलाने के दिन आ रहे है !  

No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !