Tuesday, 8 October 2019

अश्क़ चुन लेते है !


अश्क़ चुन लेते है !

आँखों से कहती हैं 
ये मोहब्बत ;
दिल से सुन लेता हैं 
उसका इश्क़ !
पत्थरों के दिल जिनके 
होते है ; 
वो शीशों के घरों में 
रहने लगते है ; 
दीवार-ओ-दर भी 
सुन लेते है ;
जब इश्क़ और मोहब्बत
तन्हाईयों में आपस में 
बात करते है;
वो पलकों से भी  
अश्क़ चुन लेते है
जो दर्द अपने सीने में 
रखते है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !