रत्ती भर प्रेम !
ज़िन्दगी के तराज़ू
के एक पलड़े में कोई
लाकर रख से दे भले
ही पुरे संसार का वैभव
ऊंचाई आकाश की
चमक पुरे सूरज की
चांदनी पूरी चंदा की
भल मानसीहत पुरे
के पुरे संसार की
पर अगर किसी ने
रख दिया दूजे पलड़े
में रत्ती भर प्रेम भी
चुपचाप तो पलड़ा
झुका रहेगा हमेशा
ही उस रत्ती भर
प्रेम के भार की
तरफ ही !
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