Monday, 30 September 2019

कोमलांगी की कठोरता !


कोमलांगी की कठोरता !

कोमलांगी की कोमलता 
तो उसकी चुप्पी में है ; 
जिसे हम ना नहीं समझ 
सकते है ;
इसे कुछ और भी नहीं 
कह सकते है ;
व्यर्थ ही अपनी उद्दाम 
इक्षाओं को उसके कांधों 
पर नहीं डाल सकते है ;  
अपने पहले प्यार की 
खूबियों पर यकीन दिलाने 
का तो कतई स्वांग नहीं 
रच सकते है ; 
वो इन सब के अर्थ भली 
भांति जानती है ;  
वो अच्छी तरह तुम्हारी  
निरंतर ताकती निगाहों 
का मतलब भी बखूबी 
पहचानती है ;
कोमलांगी की कठोरता  
तो उसकी ना में है ;
जिसे अब तुम कभी
नजअंदाज़ नहीं कर 
सकते हो ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !