Saturday, 14 September 2019

तेरी ऑंखें !


तेरी ऑंखें !

काजल को 
लुभाती वो 
तेरी ऑंखें ; 
मेरे अक्स 
को दिखाती वो  
तेरी ऑंखें ;
मेरी रूह को 
उधेड़ती वो 
तेरी आँखें ;
मुझ को मेरे 
हम से जो 
है मिलवाती वो ;
तेरी ऑंखें !

No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !