ए मोहब्बत !
ए मोहब्बत तू सदा
बस इश्क़ के साथ रहे !
एक यही आरज़ू है सारे
के सारे आशिक़ों की !
दिन हो या रात तू बस
उसके ही साथ रहे !
वो तेरे संग संग चले
वो तेरा ही हमसफ़र रहे !
ना तेरे बिना दिन ही ढले
ना तेरे बिना रात ही हो !
तू बन कर उसकी ज़िन्दगी
सदा इश्क़ के ही साथ रहे !
यही एक दुआ है सारे
के सारे आशिक़ों की !
बस ये एक दुआ तुम
दोनों के साथ सदा रहे !
ए मोहब्बत तू सदा
बस इश्क़ के साथ रहे !
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