Sunday, 20 October 2019

तुम सिर्फ मेरी हो !


तुम सिर्फ मेरी हो !

एक बार नहीं
बार बार कहो 
तुम सिर्फ मेरी हो ; 
एक बार नहीं
बार बार इक़रार करो
तुम सिर्फ मेरी हो ;
क्यों खामोश हो 
इज़हार करो कि
तुम सिर्फ मेरी हो ;
मेरी ज़िन्दगी कि 
अँधेरी राहों में रोशनी  
बनकर अब तुम रहो ;
मंज़िल पर मेरी 
अपनी सबसे सुन्दर 
तस्वीर लगाओ तुम ; 
तुम सच्चाई की 
सच्ची मूरत हो 
उसी सच्चाई से 
बार बार कहो तुम कि  
तुम सिर्फ मेरी हो ;
एक बार नहीं
बार बार कहो 
तुम सिर्फ मेरी हो !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !