तुम सिर्फ मेरी हो !
एक बार नहीं
बार बार कहो
तुम सिर्फ मेरी हो ;
एक बार नहीं
बार बार इक़रार करो
तुम सिर्फ मेरी हो ;
क्यों खामोश हो
इज़हार करो कि
तुम सिर्फ मेरी हो ;
मेरी ज़िन्दगी कि
अँधेरी राहों में रोशनी
बनकर अब तुम रहो ;
मंज़िल पर मेरी
अपनी सबसे सुन्दर
तस्वीर लगाओ तुम ;
तुम सच्चाई की
सच्ची मूरत हो
उसी सच्चाई से
बार बार कहो तुम कि
तुम सिर्फ मेरी हो ;
एक बार नहीं
बार बार कहो
तुम सिर्फ मेरी हो !
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