चांद की चांदनी के साथ वाली ठंडी रात में
अकेले बैठ तुम्हारी रेशम सी स्मृतियों की
झालरों के साथ बातें करता हु अक्सर मैं
वो कुछ बोलती तो नहीं पर हां सारे उलहाने
चुपचाप सुनती है मेरे और तो और तुम्हारी तरह
उल्टा जवाब भी नहीं देती हम्म हम्म
तुम्हारी ही तरह मेरे दिल में चुभती तो है
उसकी भी ख़ामोशी लेकिन वो पास होती है
तो सारे दर्द सहन कर लेता हु मैं भी चुपचाप
मेरा प्रेम उसके मन का सितार बनकर
कुछ इस तरह झनझनाता है जैसे
पिघलती चांदनी को देखकर चाँद मर मिटता है
अपनी चांदनी पर वैसे ही पूरी की पूरी रात
मैं भी अपनी लुटा देता हु तुम्हारी रेशम सी
स्मृतिओं की झालरों के और पता भी नहीं चलता
कब सूरज चढ़ आता है हम दोनों के सर
चांद की चांदनी के साथ वाली ठंडी रात में
अकेले बैठ तुम्हारी रेशम सी स्मृतियों की
झालरों के साथ बातें करता हु अक्सर मैं
अकेले बैठ तुम्हारी रेशम सी स्मृतियों की
झालरों के साथ बातें करता हु अक्सर मैं
वो कुछ बोलती तो नहीं पर हां सारे उलहाने
चुपचाप सुनती है मेरे और तो और तुम्हारी तरह
उल्टा जवाब भी नहीं देती हम्म हम्म
तुम्हारी ही तरह मेरे दिल में चुभती तो है
उसकी भी ख़ामोशी लेकिन वो पास होती है
तो सारे दर्द सहन कर लेता हु मैं भी चुपचाप
मेरा प्रेम उसके मन का सितार बनकर
कुछ इस तरह झनझनाता है जैसे
पिघलती चांदनी को देखकर चाँद मर मिटता है
अपनी चांदनी पर वैसे ही पूरी की पूरी रात
मैं भी अपनी लुटा देता हु तुम्हारी रेशम सी
स्मृतिओं की झालरों के और पता भी नहीं चलता
कब सूरज चढ़ आता है हम दोनों के सर
चांद की चांदनी के साथ वाली ठंडी रात में
अकेले बैठ तुम्हारी रेशम सी स्मृतियों की
झालरों के साथ बातें करता हु अक्सर मैं
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