Saturday, 17 March 2018

तुम्हारे एहसासो से भरे हर्फ़

सुनो तुम्हारी पसंद की 
सभी साड़ियां गीली पड़ी है   
आज तुम अपनी पसंद की 
साड़ी में अगर ना देख पाओ 
तो उत्तेजित ना होना  
क्योकि इसमें मेरा कोई 
दोष नहीं ये जो तुम्हारे     
एहसासो से भरे हर्फ़ है 
अक्सर ही चुभती सी दोपहरी में
सोच कर मेरा हित अपनी  
ठंडी-ठंडी फुहारों से दिन में कई बार 
मुझे भिगो कर चले जाते है
photo courtesy: google

No comments:

प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !