सुनो तुम्हारी पसंद की
सभी साड़ियां गीली पड़ी है
आज तुम अपनी पसंद की
साड़ी में अगर ना देख पाओ
तो उत्तेजित ना होना
क्योकि इसमें मेरा कोई
दोष नहीं ये जो तुम्हारे
एहसासो से भरे हर्फ़ है
अक्सर ही चुभती सी दोपहरी में
सोच कर मेरा हित अपनी
ठंडी-ठंडी फुहारों से दिन में कई बार
मुझे भिगो कर चले जाते है
photo courtesy: google
सभी साड़ियां गीली पड़ी है
आज तुम अपनी पसंद की
साड़ी में अगर ना देख पाओ
तो उत्तेजित ना होना
क्योकि इसमें मेरा कोई
दोष नहीं ये जो तुम्हारे
एहसासो से भरे हर्फ़ है
अक्सर ही चुभती सी दोपहरी में
सोच कर मेरा हित अपनी
ठंडी-ठंडी फुहारों से दिन में कई बार
मुझे भिगो कर चले जाते है
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