Thursday, 8 March 2018

मोक्ष की कामना

प्रायः देखा है मैंने
उम्रदराज़ पुरुषो को 
मोक्ष की कामना करते हुए
या तो ये कामना उन्हें धरती 
पर जीये सारे बसंतो के अनुभवों
से प्राप्त हुई हो और वो अनुभव   
हो कसैले या शहदयुक्त या फिर 
ये भी हो सकता है की उन्हें
धरती के सारे बसंत देखने के बाद 
ये याद आया हो की जो भी आता है 
यहाँ उसे एक न एक दिन 
जाना ही पड़ता है और इस सच 
को स्वीकार करने के अलावा 
कोई और रास्ता उन्हें ना दिखता हो 
आगे पर तुमसे मिलने के बाद मैंने जाना 
मैं मोक्ष की कामना करने की बजाय इसी धरती पर भटकता
रहना चाहूंगा अनंतकाल तक
तुम्हारी प्यास लिए मेरे नीले 
कंठो में चाहे केतु बैठा हो 
मेरी कुंडली के बारहवे घर में 
जंहा से मिलती सीधी टिकट 
मोक्ष की बिना किसी और स्टेशन पर रुके !


















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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !