बोलो क्या तुम्हे मिलता है
मुझसे भी ज्यादा चाहने वाला
"राम"जो ढूंढती हो तुम
मेरे ही लिखे अल्फ़ाज़ों में
या तुम्हे मुझसे ज्यादा
पसंद है मेरी परछाई
बोलो क्या तुम्हे मिलता है
मुझसे भी ज्यादा टूट कर
चाहने वाला "राम"
जो ढूंढती हो तुम
मेरी ही लिखी कविताओं में
बोलो क्या तुम्हे मिलता है
शुकुन मेरी लिखावट में
मेरी उपस्थिति से ज्यादा
बोलो क्या होता है तुम्हे
ऐतबार मेरे वादों से ज्यादा
मेरी नज़्मों पर गर हां तो
फिर मेरी उपस्थिति क्या
मायने रखती है तुम्हारे लिए
photo courtesy : google
No comments:
Post a Comment