Friday, 2 March 2018

करे दहन आज अपने अपने अहम् का

आओ हम करे दहन आज अपने अपने अहम् का 
जैसे प्रह्लाद भक्त ने किया था होलिका का 
उसी अग्नि कुंड में जिसमे उसने अपने आशीर्वाद 
का चादर ओढ़ कर सोचा था प्रह्लाद का दहन करने का 
भूलकर उसकी सच्ची भक्ति जो की थी उसने अपने हिरण्यकशयप की 
आओ हम पाए संकेत इस उठते इस अग्नि कुंड के धुंवे से 
अपने अपने प्रदेश के भविस्य की तस्वीरें 
गर देखो दहन के धुंवे को सीधा आकाश में जाता हुआ 
तो समझ लेना होने वाला है सत्ता परिवर्तन 
गर देखो दहन के धुंवे को दक्षिण दिशा की ओर जाता हुआ
तो समझना आने वाली है कोई विपदा अपने प्रदेश में 
गर देखो दहन के धुंवे को पूर्व दिशा की ओर जाता हुआ
तो समझना होने वाली है अपने प्रदेश में सुख संपन्नता की बरसात 
गर देखो दहन के धुंवे को उत्तर दिशा की ओर जाता हुआ
तो समझना सच के रास्ते पर यु ही चलकर  पा सकते है हम सब 
अकूत धन धान्य और स्वस्थ स्वास्थ बस करना 
विस्वास वैसा ही जैसा किया था भक्त प्रह्लाद ने अपने हिरण्यकशयप पर 
आओ हम करे दहन आज अपने अपने अहम् का 
जैसे प्रह्लाद भक्त ने किया था होलिका का 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !