Sunday 18 March 2018

इश्क़ में हो ?

इश्क़ में हो ?
तो सुनो सिर्फ 
हवाओं से ना
फुलाओ इन गुब्बारों को 
कुछ हसीं लम्हे थोड़ी सी 
ख्वाहिशें और आधे अधूरे
सपनो को भी भर लो इन 
गुब्बारों में ताकि आने वाली 
गर्मियों में जब ये फूटे तो 
तुम्हारे हाथों में सिर्फ 
हवा ना आये
कुछ हसीं लम्हे थोड़ी सी 
ख्वाहिशें और आधे अधूरे
सपने भी मिले तुम्हे जिसके सहारे 
काट सको तुम अपनी तपती

जलती दोपहरियों को और 
ठण्ड आते ही दोहरा सको वो 
हंसी लम्हें पूरी कर सको अपनी
ख्वाहिशें और सपनो को फिर से 
बो सको अपने हृदय की कोख में 
ताकि वो जल्द ही हरी हो सके !
photo courtesy:google

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !