मनको की माला
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मन के मनको की माला
गूँथ रहा हु कुछ जो मणकेँ
पहले से पिरोये मिले मुझे
इस मन की माला में वे वो है
जो मिले रक्त संपत्ति से
और कुछ मनकेँ जो बीज
डाल कर उगाये थे खुद मैंने
मुझसे मिलते जुलते पाने
की चाहत में उनको पिरो
रहा हु इस मनको की माला
में अब एक सुमेरु बाकी है
जिसे प्राप्त किया था मैंने
अपनी उत्कृष्ट प्रार्थनाओ से
उसको पिरो इस मनको की
माला में गांठ लगा दू जिससे
पूर्ण हो ये मनको की माला
ताकि उसके बाद किसी और
मनको या मणियों को जगह
ही ना मिले इस मेरी मन की
मनकों की माला में !
मनको की माला
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मन के मनको की माला
गूँथ रहा हु कुछ जो मणकेँ
पहले से पिरोये मिले मुझे
इस मन की माला में वे वो है
जो मिले रक्त संपत्ति से
और कुछ मनकेँ जो बीज
डाल कर उगाये थे खुद मैंने
मुझसे मिलते जुलते पाने
की चाहत में उनको पिरो
रहा हु इस मनको की माला
में अब एक सुमेरु बाकी है
जिसे प्राप्त किया था मैंने
अपनी उत्कृष्ट प्रार्थनाओ से
उसको पिरो इस मनको की
माला में गांठ लगा दू जिससे
पूर्ण हो ये मनको की माला
ताकि उसके बाद किसी और
मनको या मणियों को जगह
ही ना मिले इस मेरी मन की
मनकों की माला में !
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