शोहरत नवाज़ने आ जाओ
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अच्छा बताओ मेरे
चीर प्रतीक्षित इश्क़ को
अपनी रूह में पनाह देने
ही तो आयी हो ना तुम;
अच्छा बताओ मेरे
जीवन की तमाम अमावस
वाली रात को पूनम करने
ही तो आयी हो ना तुम;
मेरे विश्वास को अपने
समर्पण से ईश करने
ही तो आयी हो ना तुम;
मेरे नाम का सिन्दूर
अपनी सुनी मांग में सजा कर मेरी बेनाम
सी हैसियत को शोहरत
से नवाज़ने की ख्वाहिश
ही तो लेकर आयी हो ना तुम;
बोलो ना तुम मेरे ही
चीर प्रतीक्षित इश्क़ को
अपनी रूह में पनाह देने
ही तो आयी हो ना !!
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