Tuesday 17 July 2018

शोहरत नवाज़ने आ जाओ







शोहरत नवाज़ने आ जाओ 

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अच्छा बताओ मेरे 

चीर प्रतीक्षित इश्क़ को 
अपनी रूह में पनाह देने 
ही तो आयी हो ना तुम;
अच्छा बताओ मेरे
जीवन की तमाम अमावस 
वाली रात को पूनम करने 
ही तो आयी हो ना तुम;
मेरे विश्वास को अपने
समर्पण से ईश करने 
ही तो आयी हो ना तुम;
मेरे नाम का सिन्दूर 
अपनी सुनी मांग में सजा कर मेरी बेनाम 
सी हैसियत को शोहरत 
से नवाज़ने की ख्वाहिश 
ही तो लेकर आयी हो ना तुम;
बोलो ना तुम मेरे ही 
चीर प्रतीक्षित इश्क़ को 
अपनी रूह में पनाह देने 
ही तो आयी हो ना !!

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !