Sunday 29 July 2018

तड़पने की सजा


तड़पने की सजा

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जब तुम्हे पता है 
तुम्हारी एक दृष्टि 
सारी पीड़ा हर लेती है 
मेरी तो क्यों अब इन 
मेरे नैंनो को तुम्हारी ...
राह तकने की सज़ा 
क्यों दिए जाते हो रोज? 
जितनी भीगी प्रेम 
में अब तक मैं तुम्हारे 
उतनी ही अब अपनी प्यास 
क्यों दिए जाते हो रोज? 
जब तुम्हे पता है की रोज 
ढलती शाम को मैं करता हु 
इंतज़ार फिर यु मुझे 
अकेले तड़पने की सजा 
क्यों दिए जाते हो रोज?
मेरे नैंनो को ही क्यों तुम्हारी ...
राह तकने की आदत 
लगा जाते हो रोज?
जब तुम्हे पता है की 
तुम्हारी एक दृष्टि मेरी 
सारी पीड़ा हर लेती है 
फिर क्यों वो पीड़ा 
नही हर जाते हो तुम ?
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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !