Thursday 19 July 2018

नया जीवन रचे




नया जीवन रचे 
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सुनो तुम मेरे साथ
चलना एक नया जीवन 
रचने जिस सुबह रात का 
किंवाड़ खटखटाने खुद 
सुहाती हुई सूरज की 
किरणे आए तब वंही  
कंही पेड़ों की छांव में 
छुपकर बैठी होगी 
चाँद की चांदनी जो  
सूरज की सुहाती किरणों 
को देखकर मुस्कुराये 
तब सुनो ओ स्याह रात 
की स्याही तुम मेरे घर 
ही ठहर जाना क्योंकि 
उस रात मैं उसी स्याही 
से अपनी प्रेमा के साथ 
रचूंगा एक नया जीवन 
जिसमे होंगे सच वो सभी 
सपने जिन्होंने उम्र के चालीस 
सावन आँखों में ही है निकाले !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !