अभिलाषा तुम्हारी !
हाँ मुझे अभिलाषा है तुम्हारी;
जो मुझे करीब ले जाती है सम्पूर्णता के...
क्योंकि तुम्हारा साथ कभी भी;
मुझे कहीं और भटकने नहीं देता...
तुम्हारा कोमल और नरम स्पर्श;
मुझे कठोर नहीं रहने देता ज्यादा देर तक...
और तुम्हारा मेरे जीवन में होना;
मुझे कभी शुष्क नहीं होने देता...
शायद ये तुम्हारी अभिलाषा ही है,
जो मेरे जीवन को संपूर्ण बनाती है !
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