Monday 22 April 2019

वो तुम्हारा पहला बोसा !

वो तुम्हारा पहला बोसा ! 

तुम्हारे पहले बोसे ने, 
मुझे एहसास कराया था,  
की इसके पहले मैंने कुछ 
भी ऐसा पाया नहीं था; 

उस तुम्हारे पहले बोसे ने,
मेरे दिल पर अब तक की, 
उभरी सारी दरारों को स्वतः,  
ही भरना शुरू कर दिया था; 

ना जाने कैसे मैं प्रेम की, 
इस चिकित्सा पद्धति से,
अब तक अनभिज्ञ थी; 

लेकिन अब मैं इसको, 
अपनी बाँहों में भरकर, 
रख लेना चाहती थी; 

हमेशा के लिए अपने पास, 
जिससे समय समय पर मैं, 
अपनी सभी दरारों को भर, 
लेना चाहती थी; 

उस तुम्हारे बोसों से जिसने, 
मुझे एहसास कराया की इस, 
से पहले मैंने ऐसा कुछ अपनी, 
कल्पना में भी नहीं पाया था ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !