वो तुम्हारा पहला बोसा !
तुम्हारे पहले बोसे ने,
मुझे एहसास कराया था,
की इसके पहले मैंने कुछ
भी ऐसा पाया नहीं था;
उस तुम्हारे पहले बोसे ने,
मेरे दिल पर अब तक की,
उभरी सारी दरारों को स्वतः,
ही भरना शुरू कर दिया था;
ना जाने कैसे मैं प्रेम की,
इस चिकित्सा पद्धति से,
अब तक अनभिज्ञ थी;
लेकिन अब मैं इसको,
अपनी बाँहों में भरकर,
रख लेना चाहती थी;
हमेशा के लिए अपने पास,
जिससे समय समय पर मैं,
अपनी सभी दरारों को भर,
लेना चाहती थी;
उस तुम्हारे बोसों से जिसने,
मुझे एहसास कराया की इस,
से पहले मैंने ऐसा कुछ अपनी,
कल्पना में भी नहीं पाया था !
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