Saturday, 27 April 2019

पागल बना गयी तुम !


पागल बना गयी तुम !

देखो ना मुझे खबर भी ना हुई,
और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम;  

आँखों के रस्ते से आकर कब तुम, 
मेरे दिल में चुप-चाप समां गयी हो तुम;  

अब साँस भी लू तो आये सिर्फ तेरी ही खुसबू,  
मेरी सारी कायनात को अपना बना ले गयी हो तुम;   

है ये मौसम का खुमार है या ये सब तेरा ही जादू, 
मेरी ख्वाहिशों के आसमान पर इस कदर छा गयी हो तुम; 
  
मेरा बस अब मुझ पर ही चलता नहीं है,  
अजीब से हालात हैं और मुझे पागल बना गयी है हो तुम;   

देखो ना मुझे खबर भी ना हुई,
और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम !  

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !