Tuesday, 23 April 2019

राष्ट्रीय धरती दिवस !

राष्ट्रीय धरती दिवस

ये वसुंधरा ही, 
हमारी पहली माता है; 
इसी माता से जुड़ा हुआ, 
सारे जहाँ का नाता है; 

ये वसुंधरा बड़ी अपार है, 
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;

जन्म इस पर ही, 
हम-सब का हुआ है; 
इसने ही जीवन हमारा,
हम-सब का जीवन,
अब-तक संवारा है;

ये वसुंधरा बड़ी अपार है, 
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;

वसुंधरा को नहीं 
जरा भी अभिमान है, 
ये वसुंधरा बड़ी महान है ,
ये वसुंधरा के हम-सब पर 
अनगिनत उपकार है, 

ये वसुंधरा बड़ी अपार है, 
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;

वसुंधरा पर सुंदर सुंदर, 
खेत और खलियान हैं; 
वसुंधरा पर कई बड़े-बड़े, 
पर्वत राजों का राज हैं; 
वसुंधरा पर कलकल बहती 
नदियों की अमृत धारा हैं; 

ये वसुंधरा बड़ी अपार है, 
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;

वसुंधरा पर हरे-भरे, 
जंगलों की भरमार है; 
वसुंधरा पर ची ची करती 
गौरेया की पुकार हैं;

ये वसुंधरा बड़ी अपार है, 
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;

सब कुछ हर हरा हैं, 
इस वसुंधरा पर;
हमारी पहली माता है; 
इसी माता से जुड़ा हुआ, 
सारे जहाँ का नाता है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !