राष्ट्रीय धरती दिवस
ये वसुंधरा ही,
हमारी पहली माता है;
इसी माता से जुड़ा हुआ,
सारे जहाँ का नाता है;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
जन्म इस पर ही,
हम-सब का हुआ है;
इसने ही जीवन हमारा,
हम-सब का जीवन,
अब-तक संवारा है;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा को नहीं
जरा भी अभिमान है,
ये वसुंधरा बड़ी महान है ,
ये वसुंधरा के हम-सब पर
अनगिनत उपकार है,
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा पर सुंदर सुंदर,
खेत और खलियान हैं;
वसुंधरा पर कई बड़े-बड़े,
पर्वत राजों का राज हैं;
वसुंधरा पर कलकल बहती
नदियों की अमृत धारा हैं;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा पर हरे-भरे,
जंगलों की भरमार है;
वसुंधरा पर ची ची करती
गौरेया की पुकार हैं;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
सब कुछ हर हरा हैं,
इस वसुंधरा पर;
हमारी पहली माता है;
इसी माता से जुड़ा हुआ,
सारे जहाँ का नाता है !
ये वसुंधरा ही,
हमारी पहली माता है;
इसी माता से जुड़ा हुआ,
सारे जहाँ का नाता है;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
जन्म इस पर ही,
हम-सब का हुआ है;
इसने ही जीवन हमारा,
हम-सब का जीवन,
अब-तक संवारा है;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा को नहीं
जरा भी अभिमान है,
ये वसुंधरा बड़ी महान है ,
ये वसुंधरा के हम-सब पर
अनगिनत उपकार है,
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा पर सुंदर सुंदर,
खेत और खलियान हैं;
वसुंधरा पर कई बड़े-बड़े,
पर्वत राजों का राज हैं;
वसुंधरा पर कलकल बहती
नदियों की अमृत धारा हैं;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
वसुंधरा पर हरे-भरे,
जंगलों की भरमार है;
वसुंधरा पर ची ची करती
गौरेया की पुकार हैं;
ये वसुंधरा बड़ी अपार है,
इसमें फैला सभी जीवों संसार हैं;
सब कुछ हर हरा हैं,
इस वसुंधरा पर;
हमारी पहली माता है;
इसी माता से जुड़ा हुआ,
सारे जहाँ का नाता है !
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