ये ज़रूरी तो नही....!
तुम्हारे सवालों के ही तरह,
हर बात का दू मैं जवाब, यह
ज़रूरी तो नही....
कर जाते हैं चाहने वाले भी
कभी बेवफ़ाई, मैं भी कर जाऊ
तुझसे वही, यह ज़रूरी तो नही....
किस तरह मुकम्मल हो रहा है,
इस ज़िंदगी का सफ़र और कितना
पाया है मैंने दर्द, वो सब तुम्हे बता दूँ,
यह ज़रूरी तो नही....
दिखाता हूँ अपने चेहरे पर हँसी,
हर वक़्त मैं मगर तुम्हे इसके पीछे
छिपी उदासी भी दिखा दूँ,
यह ज़रूरी तो नही....
ज़िन्दगी के कई मोड़ पर कमज़ोर
पड़ा था मानता हूँ मैं मगर तेरे कांधों
पर अपना सिर रख कर ही रो दूँ,
यह ज़रूरी तो नही?
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