मैं मोहब्बत करता हूँ !
मैं तो बस अपने दिल,
की ही बात कहता हूँ;
कभी उस से समझौता,
नहीं करता हूँ;
एक तेरी खातिर मैं,
खुदा से भी नहीं डरता हूँ;
बंदिशों में वो रहते है,
जिनमे कैद राज बड़े गहरे है;
मैं तो पागल हूँ दीवाना हूँ,
सच से कभी पर्दा नहीं करता हूँ;
और सच ये है की मैं तुम्हे,
बेइंतेहा मोहब्बत करता हूँ !
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