Monday 15 April 2019

तुम्हे मेरी याद नहीं आती?

तुम्हे मेरी याद नहीं आती?

सुनो...
मुझे तो हर पल बस तुम्हारी याद आती है; 
मेरी... 
ही सांसों के तेज़-तेज़ चलने पर,
मेरे... 
ही दिल के बार-बार मचने पर,
मेरे...
ही आंगन में बेमौसम बारिश के बरसने पर;
मेरे...
ही छत के ठीक ऊपर वाले आकाश में, 
उस चंदा के चमकने पर तो कभी; 
मेरी...
ही आँखों के सामने सूरज के धीरे-धीरे 
ढलने पर तो कभी;
मेरी...
ही शब के स्याह अंधेरों पर तो कभी;
मेरे ...
ही दिन के सवेरों पर तो कभी; 
मेरे...
ही बिलकुल तन्हां अकेले होने पर;
सुनो...
मुझे तो बस तुम्हारी याद आती है;
लेकिन तब भी; 
मेरे...
होंठों के पास बस तुम्हारा नाम होता है,
पुकारने के लिए;
पर...
तुम ये बताओ मुझे इतना सब होते हुए, 
देखने के बाद भी क्या तुम्हे याद नहीं आती; 
मेरी...

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !