तुम्हे मेरी याद नहीं आती?
सुनो...
मुझे तो हर पल बस तुम्हारी याद आती है;
मेरी...
ही सांसों के तेज़-तेज़ चलने पर,
मेरे...
ही दिल के बार-बार मचने पर,
मेरे...
ही आंगन में बेमौसम बारिश के बरसने पर;
मेरे...
ही छत के ठीक ऊपर वाले आकाश में,
उस चंदा के चमकने पर तो कभी;
मेरी...
ही आँखों के सामने सूरज के धीरे-धीरे
ढलने पर तो कभी;
मेरी...
ही शब के स्याह अंधेरों पर तो कभी;
मेरे ...
ही दिन के सवेरों पर तो कभी;
मेरे...
ही बिलकुल तन्हां अकेले होने पर;
सुनो...
मुझे तो बस तुम्हारी याद आती है;
लेकिन तब भी;
मेरे...
होंठों के पास बस तुम्हारा नाम होता है,
पुकारने के लिए;
पर...
तुम ये बताओ मुझे इतना सब होते हुए,
देखने के बाद भी क्या तुम्हे याद नहीं आती;
मेरी...
सुनो...
मुझे तो हर पल बस तुम्हारी याद आती है;
मेरी...
ही सांसों के तेज़-तेज़ चलने पर,
मेरे...
ही दिल के बार-बार मचने पर,
मेरे...
ही आंगन में बेमौसम बारिश के बरसने पर;
मेरे...
ही छत के ठीक ऊपर वाले आकाश में,
उस चंदा के चमकने पर तो कभी;
मेरी...
ही आँखों के सामने सूरज के धीरे-धीरे
ढलने पर तो कभी;
मेरी...
ही शब के स्याह अंधेरों पर तो कभी;
मेरे ...
ही दिन के सवेरों पर तो कभी;
मेरे...
ही बिलकुल तन्हां अकेले होने पर;
सुनो...
मुझे तो बस तुम्हारी याद आती है;
लेकिन तब भी;
मेरे...
होंठों के पास बस तुम्हारा नाम होता है,
पुकारने के लिए;
पर...
तुम ये बताओ मुझे इतना सब होते हुए,
देखने के बाद भी क्या तुम्हे याद नहीं आती;
मेरी...
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