Sunday 21 April 2019

बेल की तरह



तुम पास आओ मेरे !

आओ ना पास मेरे
आलिंगन करो मेरा

भिगो दो मुझे और करो
अपने स्नेह की अमृत वर्षा

ताकि अंकुर फूटें मुझमे
और पनप जाऊं फिर से मैं 

लिपट जाऊं तुमसे बनकर   
महकती फूलती जूही की बेल की तरह

आओ ना पास मेरे और
मेरे तन के एक-एक काँटों

को अब तुम फूल कर दो
आओ ना पास मेरे और
आलिंगन करो मेरा !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !