मोहब्बत की है मैंने !
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तेरे हर एक जज्बात से
बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने;
तेरे हर एक एहसास से
बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने;
तेरी हर एक याद से
बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने;
जब जब किया है तुमने
याद मैंने हर उस एक लम्हे
से बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने;
जिसमे हो सिर्फ एक तेरी
और एक मेरी बात उस एक
औकात से बेइंतेहा मोहब्बत
की है मैंने;
तेरे हर इंतज़ार से भी उतनी
ही सिद्दत से मोहब्बत की है
मैंने;
तू मेरी है सिर्फ मेरी मैंने
इस भरोसे से भी उतनी ही
बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने;
तेरे हर एक जज्बात से
बेइंतेहा मोहब्बत की है
मैंने !
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