Tuesday 22 January 2019

वर्तमान और भविष्य !

वर्तमान और भविष्य !
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जब पहली बार 
थामा था मैंने 
तुम्हारा हाथ 
मेरे इन हाथो में ;

तब तुम्हारे एक 
हाथ में था तुम्हारा 
अतीत और दूसरे हाथ 
में था हम दोनो का भविष्य;

मेरे दिमाग ने कहा 
पहले पढू तुम्हारा बिता  
अतीत पर मेरे इस दिल ने कहा;

बढ़ो बनाने दोनों का 
एक सुन्दर भविष्य ओर 
फिर उस दिन भी सुनी थी 
मैंने अपने दिल की ही बात;

आज फिर एक बार मानने 
को मन कर रहा है उसी दिल 
की कही बात इसलिए एक बार 
फिर चाहता हु देना अवसर तुम्हे 
मेरे पास लौट आने का; 

लेकिन सुनो इस बार फेंक 
आना अपने अतीत के हर 
एक काले पन्ने को सजाने 
अपने हाथों से हम दोनो का 
वर्तमान और भविष्य !  

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प्रेम !!

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