पतंग का जीवन
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मेरी डोर है तेरे हाथ
इसका रखना सदा
तुम ध्यान;
पतंग का जीवन सदा
रहे बंधा उसकी डोर में
इसका रखना सदा
तुम ध्यान;
मेरी डोर तेरे हाथ
मेला लगा है आकाश
में मेरी पतंग उलझे नहीं
मेरी पतंग कटे नहीं इसका
भी रखना तुम सदा ध्यान;
मेरी डोर तेरे हाथ
मेरी पतंग किसी ओर
डालिओं में ना फसे
इसका रखना सदा
तुम ध्यान;
मेरी पतंग को रहे
सदा हवा की गति
और दिशा का ज्ञान
इसका रखना सदा
तुम ध्यान ;
मेरी डोर तेरे हाथ
कितनी ही देर रहे
वो चाहे ऊंचाई पर
पर अंततः करे वो
प्रयाण तेरी ओर
इसका रखना सदा
तुम ध्यान;
पतंग का आराध्य
रहे सदाशिव सदा
इसका भी रखना सदा
तुम ही ध्यान !
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