Monday 14 January 2019

पतंग का जीवन

पतंग का जीवन
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मेरी डोर है तेरे हाथ 
इसका रखना सदा 
तुम ध्यान;

पतंग का जीवन सदा 
रहे बंधा उसकी डोर में 
इसका रखना सदा 
तुम ध्यान;

मेरी डोर तेरे हाथ 
मेला लगा है आकाश 
में मेरी पतंग उलझे नहीं
मेरी पतंग कटे नहीं इसका 
भी रखना तुम सदा ध्यान;

मेरी डोर तेरे हाथ 
मेरी पतंग किसी ओर
डालिओं में ना फसे 
इसका रखना सदा 
तुम ध्यान;

मेरी पतंग को रहे 
सदा हवा की गति 
और दिशा का ज्ञान 
इसका रखना सदा 
तुम ध्यान ;

मेरी डोर तेरे हाथ
कितनी ही देर रहे
वो चाहे ऊंचाई पर 
पर अंततः करे वो  
प्रयाण तेरी ओर
इसका रखना सदा 
तुम ध्यान;

पतंग का आराध्य 
रहे सदाशिव सदा   
इसका भी रखना सदा 
तुम ही ध्यान !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !