Saturday, 26 January 2019

माँ तो आखिर माँ ही होती है !

माँ तो आखिर माँ ही होती है !
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माँ तेरी हो या माँ मेरी हो, 
माँ तो आखिर माँ ही होती है;

माँ राम की हो या रहीम की, 
माँ इंसान की हो या शैतान की,
माँ तो आखिर माँ ही होती है;

माँ जनती है सिर्फ एक शिशु को, 
माँ की ममता राम के लिए भी वही, 
माँ की ममता रावण के लिए भी वही,
क्योंकि माँ तो आखिर माँ ही होती है; 

माँ चाहे हिन्दुस्तानियों की हो, 
या हो पाकिस्तानियोँ की हो,    
या हो अमेरिकन की या रशियन की,
माँ तो आखिर माँ ही होती है;

आज जो सत्ता के लालची, 
अपने पलड़े को भारी करने, 
के लिए माँ-माँ को बाँट रहे है,
उन्हें मैं बताना चाहता हु, 
माँ तो आखिर माँ ही होती है;

आज जिन माँ की संताने, 
बहुतायत में है उनके पीछे, 
वजह उनका अहिंसक स्वभाव है, 
और जो है अल्पमत में उनके, 
पीछे उनका हिंसक स्वभाव है,
क्योंकि माँ तो आखिर माँ ही होती है; 

आज अगर तुम भी चल रहे हो, 
उनके नक़्शे कदम पर तो कल, 
तुम भी आ जाओगे अल्पमत में,
क्योंकि माँ तो आखिर माँ ही होती है; 

मत बांटों इन माँ और माँ को,  
क्योंकि बच्चा चाहे मरे किसी, 
भी माँ का छाती सुनी होती है, 
सिर्फ उस बेटे की जननी की 
क्योंकि माँ तो आखिर माँ ही होती है;

माँ तेरी हो या माँ मेरी हो, 
माँ तो आखिर माँ ही होती है !

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