खामोश चाँद !
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रात है खामोश
और सारे सितारे
भी है खामोश;
पेड़ की एक
डाल पर बैठा
पीला-पीला सा
चाँद भी है खामोश;
मैं एक सिर्फ
तुम्हे सोच रहा
हूँ और वो सोच
मुझसे बातें कर
के है खामोश;
तुम्हारी वो सोच
जो कभी नहीं
रहती मुझसे दूर
एक पल के लिए
भी;
तो फिर तुम
कैसे रख लेती
हो खुद को यु
दूर मुझसे रह
कर के खुद को
खामोश !
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