Tuesday 15 January 2019

एक पूरी प्रक्रिया !

एक पूरी प्रक्रिया !
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गेहू और फिर उस 
गेहू से बनता उसका 
आटा है ;

और उस आटे से 
बनती है उसकी लोई 
फिर लोई से बनती 
रोटी है ;

ये एक पूरी प्रक्रिया 
है जिस से गुजर कर 
गेहू रोटी की शक्ल 
अख्तियार करता है ;

लेकिन इस पूरी प्रक्रिया 
में बनाने वाले इंसान की 
मेहनत के साथ-साथ अगर   
उसकी भावना जुड़ जाती है ;

तब उस रोटी को खाने 
वाले का सिर्फ पेट ही 
नहीं भरता बल्कि उसका 
मन भी तृप्त होता है ;

ठीक इसी प्रकार प्रेम 
में देखे गए साझा ख्वाबों 
को भी एक पूरी प्रक्रिया से 
गुजरना पड़ता है ;

थोड़ी सी असावधानी 
जिस प्रकार बानी बनाई  
रोटी को जला देती है ;

वैसे ही थोड़ी सी 
असावधानी साझा 
देखे गए ख्वाबों को 
भी चूर-चूर कर देती है !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !