Wednesday, 24 October 2018

बस यु ही सोच लिया था !

बस यु ही सोच लिया था !
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यु ही क्या क्या नहीं 
सोच लिया था मैंने; 

सोच लिया था मैंने
मेरे एहसास तेरी सांसों 
की जरुरत हो जायेंगे;

सोच लिया था मैंने
तुझे भी एक दिन मेरी
जरुरत हो जाएगी;

सोच लिया था मैंने
तुम्हारी धड़कने ही 
सरे-शाम तुम्हे परेशां 
कर देंगी तुम्हे ;

सोच लिया था मैंने
तेरी दिल को भी मेरे
दिल की जरुरत मेरे 
दिल की तरह ही पड़ 
जाएगी;

सोच लिया था मैंने
मेरी बातें तेरी नींदों 
की हर करवट सी ही 
हो जाएगी;

सोच लिया था मैंने
किसी ना किसी एक 
मुलाकात पर तुम खुद
को मेरे पास भूल जाओगी;

सोच लिया था मैंने
की मेरा साथ तेरी 
ज़िन्दगी की प्रार्थना  
सा हो जायेगा;

सोच लिया था मैंने
की मेरी इश्क़ की 
बेइन्तेहाई तेरी भी 
हसरत सी हो जाएगी;  

यु ही क्या क्या नहीं 
सोच लिया था मैंने !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !