Friday 19 October 2018

श्री राम रूपी आत्मा को जगाते है!

श्री राम रूपी आत्मा को जगाते है! 
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चलो आज हम सब अपने   
अपने अंदर सोई मर्यादा 
पुरुषोत्तम श्री राम रूपी आत्मा 
को एक बार फिर से जगाकर 
अपने ही अंदर छुप कर बैठे 
रावण रूपी अहम् को अपने 
ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम 
रूपी आत्मा से मरवाते है 
चलो आज हम सब अपनी 
हरण हुई सीता स्वरुप ह्रदया 
को उस दुष्ट राक्षस रावण रूपी 
रूपी अहम् के चंगुल से अपनी 
ही मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम 
रूपी आत्मा की मदद से छुड़वाते है
चलो आज हम सब मिलकर अपने  
अपने रावण स्वरुप हो चले मस्तिष्क 
को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम रुपी 
आत्मा की मदद से साफ़ करते है!  
चलो आज हम सब मूर्छित हो चले 
अपने अपने लक्ष्मण स्वरुप चेतना  
को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम रुपी 
आत्मा की मदद से फिर से जागृत करते है
चलो आज हम-सब अपने-अपने हनुमान 
को उसकी शक्ति याद दिलाकर अपने 
अपने सहज बोध ,प्रज्ञा और धैर्य को 
मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की मदद 
से पूर्ण जन्म दिलवाकर अपनी अपनी 
सीता रूपी आत्मा को फिर से पुनर्जीवित 
करवाकर अपने अंदर छुपे बैठे रावण स्वरुप 
अहम् को मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के ही  
हाथो मरवाकर सत्य रूपेण सतयुग 
सी ही "विजयादशमी" एक बार फिर 
उसी हर्ष और उल्लास से मनाते है ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !