Monday 22 October 2018

ज़िन्दगी की पाठशाला

ज़िन्दगी की पाठशाला
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कुछ लोग तो यु ही 
पा लेते है दाखिला 
ज़िन्दगी की पाठशाला में
जैसे करनी होती है पूरी 
एक औपचारिकता
और तो और इनायत 
देखो ज़िन्दगी की उनपर
उन्हें मिल जाता है अनमोल 
खज़ाना उस ज़िन्दगी का
जो नहीं मिलता उन्हें भी 
जो प्रायः ही पढ़ते है
चारों पहर की नमाज़ 
करते है आठों पहर की पूजा 
रखती है सोलह बरसो 
तक सोमवार पर इतना 
जरूर है की वो जो 
पा लेते है दाखिला यु ही 
ज़िन्दगी की पाठशाला में
वो रह जाते है अनु-उत्तीर्ण
ज़िन्दगी की पाठशाला की
लगभग सभी परीक्षाओं में !

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !