Monday, 15 October 2018

आस्तिक हो या नास्तिक

आस्तिक हो या नास्तिक 
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जब-जब तुमने पूछा मुझसे 
राम मैं तुम्हे कैसी लगती हु
तब-तब मैंने तुझमे भी 
एक रब को देखा है 
जो प्रेम में होते है 
उन्हें इस धरती के
हर एक कण कण में
भगवान बसे दिखाई देते है
और जो प्रेम में नहीं होते
उनको इंसानो में भी कई 
खामियां दिखाई देती है
जैसे उन्हें कोई सुन्दर और 
कोई बदसूरत दिखाई देता है
पर सुनो मैंने तो तुम्हे कभी 
पूछ कर देखा ही नहीं की 
मैं तुम्हे कैसा लगता हू 
चलो आज मैं तुमसे पूछता हु 
तुम बतलाओ मुझे मैं 
तुम्हे कैसा लगता हु 
गर तुम्हारा जवाब ये हो की 
मुझे भी तुझमे एक रब दिखता है
तो ये बताओ तुम कैसे खुद को 
उस रब से दूर रखती हो 
क्या तुम्हे उस रब में 
विश्वास नहीं बोलो ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !