तुम्हारे साथ जिया वो एक दिन_2
तुम्हारे साथ जिया वो एक दिन
जिस एक पुरे दिन तुम साथ थी
मेरे उस दिन कि छोटी से छोटी
एक-एक बात याद है मुझे;
फिर जब महकती उस रात की
ठण्ड में बादलों ने भी निभाई थी
अपनी शानदार भूमिका;
बादलों ने खुद को थोड़ा सा
निचोड़ कर अपनी कुछ बूँदें
टपकाई तब हवा के झोंके ने
भी की जैसे छोटी सी शरारत;
नन्हा सा हवा का झोंका रूककर
तुम्हारे उलझे हुए बालों से खेलने
लगा था तब जिस मासूमियत से
तुमने देखा मुझे था अचानक;
और उस झोंकों को था जोर से झंझोड़ा
झोंका जैसे ठिठक कर खड़ा हो गया था
कमरे के एक कोने में जाकर और तुम
खिलखिलाकर हंस पड़ी थी मुझ पर;
उस एक पुरे दिन जब तुम साथ थी मेरे
उस दिन कि छोटी से छोटी एक-एक
बात आज भी उसी तरह याद है मुझे!
क्रमशः जारी
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