Saturday 15 September 2018

कभी देखो दिल पर पड़े निशानों को

कभी देखो दिल पर पड़े निशानों को 
यु घुरघुर कर मत देखो इन्हे
पढ़ना होगा तुम्हे मेरी देह पर 
उभर आये एक-एक निशानों को 
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए;

यु घुरघुर कर मत देखो इन्हे
ये जो दो कानो में छेद के निशान  
देख रहे हो ये तुम्हारी उस ख्वाहिश 
ने दिए है जिनमे चाहत थी अपनी 
जीवन संगिनी के कानो में पहने झुमको 
से आती खनन -खनन की आवाज़      
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए;

यु घुरघुर कर मत देखो इन्हे
ये जो एक मेरी नाम में छेद का  
निशान देख रहे हो तुम ये भी 
तुम्हारी उस इक्षा का परिणाम
है जिसमे तुम देखना चाहते थे 
एक बड़ी सी नथनियाँ पहने हुए मुझे
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए;

यु घुरघुर कर मत देखो इन्हे
ये जो आये दिन मेरे दोनों कानो 
के बिलकुल निचे और गर्दन के ऊपर
कत्थई रंग के चकते देखते हो ये सिर्फ 
एक तुम्हारी ज़िद्द पूरी करने के गवाह है    
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए;
   
यु घुरघुर कर मत देखो इन्हे
ये जो पेडू के निचे से उभरकर
नाभि तक फैलते हुए दिख रहे है 
तुम्हे सुनहरे से कई निशान वो 
तुम्हारे अस्तित्व को विस्तार
देने के लिए किये थे मैंने अनजाने में  
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए;

यु घुरघुर कर देख तो लेते हो मेरी देह
पर उभर आये एक एक निशान को तुम
पर कभी दिल पर पड़े उन अनगिनत 
निशानों को भी देखो ना घुरघुर कर
जो अक्सर शिकायत करते है मुझसे 
की उन्होंने सबसे ज्यादा दर्द सहा और
निशान भी सरेआम ना किये सिर्फ इसलिए
क्योकि प्रेम चुपचाप अपनी पीड़ा छुपा लेता है    
ये सिर्फ निशान नहीं मेरी ज़िन्दगी की कहानी 
के शीर्षक है जो गढ़े है मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए !

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