यु तो तुम कभी थी ही नहीं साथ मेरे !
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यु तो तुम कभी थी ही नहीं साथ मेरे
ये तो बस मैं ही था जो बार-बार तुम्हारी
तमाम गलतियों के भी लौट आता था;
ये तो बस मैं ही था जिसके पास तुम्हारे
सिवा कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था,
ये तो बस मैं ही था जो तुम्हारे बगैर
सांसें भी ठीक से नहीं ले सकता था,
ये तो बस मैं ही था जिसे लगता था,
तुम्हारे बगैर ली गयी सांसें कंही मुझमे
दम भरने की बजाय दम घोट ना दे,
ये तो बस मैं ही था जो दम घुटने के
दर से दौड़ा चला आता था तुम्हारे पास,
ये तो बस मैं ही था जो बार-बार तुम्हारी
तमाम गलतियों के भी लौट आता था;
लेकिन जाने क्यों इतने दर्द सहने के बाद
अब दम घुटने के दर्द ने ही दम तोड़ दिया है,
तो सोचता हु अब ना लौट कर भी देखु की
कंही सच में अगर दम घुट जाता है तो
क्या उसके बाद भी दर्द सिर्फ मुझे होगा ?
या तब तुम भी मेरी ही तरह डर कर मेरे ही
पास मेरी इस गलती को माफ़ करने आओगी !
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