Sunday, 9 September 2018

अपनी गोद में सुलाना उसे !

अपनी गोद में सुलाना उसे !
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सुनो आज तुम चाँद को 
बिंदी बनाकर मत लगाना
और अपने आंचल में सितारे
भी मत टांकना और सुनो उससे 
आज अपनी देह के लिए नयी नयी
उपमाएं तो बिलकुल भी मत मांगना
क्योकि दिन भर की भाग दौड़ से थका
हारा वो जब लौट कर आये तुम्हारे पास 
तो उसे प्यार से अपनी गोद में लेटा लेना
और मलना उसके बालों में जैतून का तेल
अपनी अंगुलियों के पोरो से अच्छी तरह 
और उसकी पसंद का वो सुन्दर सा गीत 
गुनगुनाकर उसे सुला लेना किसी नादाँ 
हठी और ज़िद्दी बच्चे की तरह लगा कर 
अपने सीने से गहरी नींद ताकि उसकी 
भी एक सुबह हो तुम्हारी हर सुबह की 
तरह सुहानी ऐसा कभी कभी किया करो 
क्योंकि जो तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों 
के भविष्य के लिए दुनिया की खाक 
छानता है उसे भी जरुरत होती है 
महसूस तुम्हारे इस स्नेह की       
सुनो आज तुम चाँद को बिंदी 
बनाकर मत लगाना भले ही ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !