Thursday, 7 June 2018

तुम आस्तिक हो या नास्तिक


तुम आस्तिक हो या नास्तिक ---------------------------------

जब-जब तुमने पूछा मुझसे 
राम मैं तुम्हे कैसी लगती हु ;
तब-तब मैंने तुझमे भी एक रब को देखा है ;
जो प्रेम में होते है ;
उन्हें इस धरती के कण कण में 
भगवान बसे दिखाई देते है,
और जो प्रेम में नहीं होते;
उनको इंसानो में भी कोई 
सुन्दर और कोई बदसूरत दिखाई देता है ;
पर मैंने कभी पूछ कर नहीं देखा तुम्हे 
बोलो मैं तुम्हे कैसा लगता हू ;
चलो आज तुम बतलाओ मुझे
मैं तुम्हे कैसा लगता हु ;   
गर तुम्हारा जवाब ये हो की 
मुझे भी तुझमे एक रब दिखता है;
तो ये बताओ तुम कैसे खुद को  
उस रब से दूर रखती हो 
क्या तुम्हे उस रब में विश्वास नहीं बोलो? ! 

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !