फूलों का सौंदर्य
-----------------
तुम जब नहीं होते पास मेरे
तो सूरज की चमक भी
फीकी -फीकी सी लगती है ;
और वो ठहरता भी नहीं
ज्यादा देर यंहा जाने किन्यु ;
पेड़ों के भीतर की थिरकन भी
जैसे शिथिल पड़ जाती है ;
फलस्वरूप उन पेड़ों के फूल का
सौंदर्य भी परवान नहीं चढ़ पाता;
अंततः जब मैं सिर्फ उनकी खुशबू
को पाना चाहती हु तब भी रह जाती हु;
बिलकुल खाली हाथ तुम तो नहीं रहते
पास मेरे लेकिन क्या तुम्हे पता है ;
तुम कितना कुछ मेरा अपने साथ
ले जाते हो की मेरी पूरी की पूरी
दुनिया ही सुनी-सुनी खाली-खाली
बेरंग सी हो जाती है क्या तुम्हे पता है;
तुम जब नहीं होते पास मेरे तो ....
No comments:
Post a Comment