Sunday 17 June 2018

पिता



पिता 
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तेरी आहट जो पहचाने
वो है तेरे पिता ;
मेरी आहट जो पहचाने
वो है मेरे पिता ;
तेरे दिल में है क्या-क्या
वो जाने तेरे पिता ;
मेरे दिल में है क्या-क्या
वो जाने मेरे पिता ;
तेरे चेहरे के भाव जो पढ़ ले
वो है तेरे पिता ;
मेरे चेहरे के भाव जो पढ़ ले
वो है मेरे पिता ;
तेरे हर दर्द को जो हर ले
वो है तेरे पिता ;
मेरे हर दर्द को जो हर ले
वो है मेरे पिता ;
तुझे देखकर जो है जिन्दा
वो है तेरे पिता ;
मुझे देखकर जो है जिन्दा
वो है मेरे पिता ;
तुझमे देखे जो अपना जंहा
वो है तेरे पिता ;
मुझमे देखे जो अपना जंहा
वो है मेरे पिता ;

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प्रेम !!

  ये सच है  कि प्रेम पहले  ह्रदय को छूता है      मगर ये भी उतना  ही सच है कि प्रगाढ़   वो देह को पाकर होता है !