इतनी सी गुज़ारिश है
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ऐ ज़िन्दगी सुन
इतनी सी गुज़ारिश
मेरी अब कहीं दूर ना जा,
कर दे रोशन इन सियाह
रातों को मेरी और कर दे
शीतल से ठन्डे मेरे तपते
दिनों को फिर आकर पास
मेरे मुझे ले ले अपने
आगोश में और कर दे मुझे
इस दुनिया से जुदा
ऐ ज़िन्दगी मेरी
आ मेरी आँखों में बस जा
और मुझे अपनी आँखों
में बसा ले फिर कभी
तू मुझसे दूर ना जाना
इतनी सी गुज़ारिश है
मेरी तुझसे ऐ ज़िन्दगी सुन
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