केवल प्रेम करना था
----------------------
तुम्हे तो केवल
प्रेम ही करना था
डाल सभी जिम्मेदारियों
को मेरे कांधो पर
की तुम जानो कैसे सामना
करोगे इस मतलबी
दुनिया का कैसे समझाओगे
मेरे घरवालों को और
इस प्रेम को कैसे क़ानूनी
जामा पहना मुझे
हक़ दोगे सभी के सामने
ये कहने का की
हा तुम हो सिर्फ मेरे
और मैं हु सिर्फ एक तुम्हारी
अपनी सारी मज़बूरियों को
ताक पर रख ,
पर अब तक तुमसे
इतना भी नहीं हो सका तुमसे
जबकि मैं अब भी
इंतज़ार में हु की
डाल सभी जिम्मेदारियों
को मेरे कांधो पर
तुम केवल करोगी मुझे प्रेम
No comments:
Post a Comment