दृश्य सीमित है अदृश्य है असीमित
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कुछ अक्षर है जो
सने नहीं है सियाही में अभी
कुछ बच्चे है जो
गर्भ में आये नहीं है अभी
कुछ सपने है जो
पहुंचे नहीं है अभी आँखों में
कुछ प्रेम कथाएँ भी है
जिनकी नीव रखी नहीं गयी है अभी
कुछ रंग है जो फूलों में
डले नहीं है अभी
कुछ किरणें भी है सूरज की जो
नहीं पहुँचीं है धरती पर अभी
कुछ नाम है जो
दर्ज़ नहीं हुए इतिहास में अभी
लेकिन ये संभव है की रह जाए
सिर्फ वही जो अदृश्य है अभी !
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